श्रीमद्‌भागवत स्कन्ध – संक्षिप्त

श्रीमद्‌भागवत १२ स्कंधोंका पुराण है| यह पुराणों में से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्तों की कथाओं, और भक्ति मार्ग की महत्ता को वर्णित करता है। इसे ‘भागवत पुराण’ के नाम से भी जाना जाता है।

श्रीमद्‌भागवत स्कन्ध - संक्षिप्त

भागवत पुराण: द्वादश स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के द्वादश स्कन्ध में कलियुग के राजवंश और धर्मों का वर्णन, कलियुग के दोषों से बचने का उपाय – नाम संकीर्तन, श्रीमद्भागवत के श्रवण के पांच फल, परीक्षित द्वारा श्रीशुकदेवजी की पूजा और परीक्षित की परमगति का विवरण किया गया है।

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भागवत पुराण: एकादश स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के एकादश स्कन्ध में वैराग्य का महत्व, यदुवंश को ऋषियों का शाप, नारदजी का वसुदेवजी के पास आना, नवयोगेश्वर और निमिराजा का संवाद, माया से पार होने के उपाय, ब्रह्म और कर्मयोग का निरूपण, दत्तात्रेयजी की चौबीस गुरुओं की कथा, श्रीकृष्ण द्वारा उद्धवजी को उपदेश, श्रीउद्धवजी का बदरिकाश्रम जाना, यदुकुल का संहार एवं भगवान् का स्वधाम गमन – इनका विवरण किया गया है।

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भागवत पुराण: दशम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध-उत्तरार्ध) में श्रीकृष्ण-कथा की महत्ता, वसुदेव-देवकी विवाह, भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य, बाल लीलाएं, पूतना उद्धार, वृन्दावन लीला, गोपियों का प्रेम, गोवर्धन-धारण, रासलीला, मथुरा गमन, कंस वध, उद्धवजी की व्रज-यात्रा, गोपियों का विरह, भ्रमरगीत, जरासंध से युद्ध, द्वारिकापुरी का निर्माण, कालयवन और मुचकुन्द की कथा, रुक्मिणी हरण, प्रद्युम्न का जन्म, भौमासुर का वध, श्रीकृष्ण के विवाह, उषा-अनिरुद्ध विवाह, दिनचर्या, सुदामा चरित्र, कुरुक्षेत्र के प्रश्न, वसुदेव को ब्रह्मज्ञान, अर्जुन द्वारा सुभद्रा हरण, वेदस्तुति – सभी पौराणिक कथाओं और धार्मिक प्रसंगों का संक्षिप्त विवरण।

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भागवत पुराण: नवम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के नवम स्कन्ध में मर्यादा और पुष्टि से काम विनाश, वैवस्वत मनु, नाभाग-अम्बरीष दुर्वासा वृत्तांत, इक्ष्वाकु और मांधाता चरित्र, सगर और भगीरथ की कथा, भगवान राम और श्रीकृष्ण की लीलाएं, श्रीरामायण के काण्डों का रहस्य, ययाति और देवयानी वृत्तांत, रतिदेव और यदुवंश का उल्लेख – सभी पौराणिक कथाओं और धार्मिक प्रसंगों का संक्षिप्त विवरण।

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भागवत पुराण: अष्टम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के अष्टम स्कन्ध में सद्भावना, मन्वंतर, गजेन्द्र और ग्राह की कथा, समुद्र मन्थन, लक्ष्मीजी का प्राकट्य, वामन भगवान की कथा, बलि का आत्मसमर्पण और भगवान के मत्स्यावतार की कथाओं का संक्षिप्त विवरण।

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भागवत पुराण: सप्तम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के सप्तम स्कन्ध में वासना के तीन प्रकार, नारद-युधिष्ठिर संवाद, हिरण्यकशिपु वृत्तांत, प्रह्लादजी की कथा, याज्ञवल्क्य-मैत्रेयी संवाद, नृसिंह भगवान का प्रादुर्भाव, धर्म का निरूपण, ब्रह्मचर्य और वानप्रस्थ के नियम, गृहस्थ जीवन में सदाचार और मोक्ष-धर्म – पौराणिक कथाओं और धार्मिक प्रसंगों का संक्षिप्त विवरण।

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भागवत पुराण: षष्ठम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के षष्ठम स्कन्ध में ध्यान प्रकरण, अर्चन प्रकरण, अजामिलोपाख्यान, श्रीकृष्ण महामंत्र का अर्थ, दक्ष की आराधना, नारदजी के उपदेश, विश्वरूप का वध, नारायण कवच, दधीचि ऋषि की अस्थियों से वज्र का निर्माण, वृत्रासुर की कथा, चार प्रकार के पुत्र, अदिति और दिति की संतानें – जानें सभी पौराणिक कथाओं और धार्मिक प्रसंगों का संक्षिप्त विवरण।

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भागवत पुराण: पंचम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के पंचम स्कन्ध में पूर्वचित्ति अप्सरा, प्रियव्रत-चरित्र, आग्नीध्र, नाभि एवं ऋषभ-चरित्र, ज्ञान की सात भूमिकाएँ, भरत-चरित्र, माया के छः रूप, सूर्यनारायण की महिमा, भरतजी की मृग-योनि और जड़भरत के रूप में पुनर्जन्म, जड़भरत और राजा रहूगण की कथा, राजा रहूगण को भरतजी का उपदेश, और भारतवर्षीय राजाओं, उपास्य देवताओं, सप्त खण्ड पृथ्वी, सप्त पाताललोकों एवं नरक लोकों का उल्लेख शामिल है।

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भागवत पुराण: चतुर्थ स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के चतुर्थ स्कन्ध में क्रियात्मक ज्ञान की आवश्यकता, चार पुरुषार्थ, सात शुद्धियाँ, स्वायम्भुव मनु की कन्याओं का वंश, भगवान शिव और दक्ष प्रजापति का मनोमालिन्य, सती की कथा, शारीर पञ्चायतन, ध्रुवाख्यान, अंग, वेन और पृथु के चरित्र, पुरञ्जनोपाख्यान, स्वामी विद्यारण्य पर माता गायत्री की कृपा, और प्रचेताओं को भगवान के वरदान और नारदजी के उपदेश शामिल हैं।

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भागवत पुराण: तृतीय स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के तृतीय स्कन्ध में विदुरजी, उनकी पत्नी सुलभा, और भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम, विदुरजी के तीर्थाटन, मैत्रेय ऋषि के साथ उनकी भेंट, कश्यप ऋषि और दिति की कथा, जय-विजय का शाप, वराहावतार, कर्दम ऋषि और देवहूति की कथा, भगवान कपिल का जन्म, और भक्तियोग की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। यहां पर देह-गेह में आसक्त पुरुषों की अधोगति और देवहूति को तत्त्वज्ञान एवं मोक्षपद की प्राप्ति का भी विस्तार से उल्लेख है।

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भागवत पुराण: द्वितीय स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के द्वितीय स्कन्ध में पञ्चशुद्धि, परीक्षित की स्पर्श-दीक्षा, भगवान के स्थूल और सूक्ष्म रूप, भगवद्भक्ति, सृष्टि-वर्णन, लीला अवतार, ब्रह्माजी का भगवद्धाम-दर्शन, माया और उसके प्रकार का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया गया है। धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी है।

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भागवत पुराण: प्रथम स्कन्ध विवरण

श्रीमद्भागवत महापुराण के प्रथम स्कन्ध का विस्तृत विवरण, जिसमें मंगलाचरण का महत्व, परमात्मा का ध्यान और चिंतन, निष्काम भक्ति, भगवान के अवतारों का वर्णन, महर्षि व्यास का असंतोष, नारदजी का पूर्व चरित्र, भागवत के अधिकारी, युधिष्ठिर और अर्जुन की कथा, परीक्षित का जन्म, धृतराष्ट्र और गांधारी का वनगमन, कलियुग का आगमन, और शुकदेवजी का आगमन शामिल है। यह स्कन्ध भागवत कथा और भगवद्भक्ति के महात्म्य का अद्भुत संकलन है।

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