१. पूर्वचित्ति अप्सरा
पूर्वचित्ति अप्सरा की कथा, जिसमें उनके सौंदर्य, आकर्षण और देवताओं के बीच उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन किया गया है।
२. प्रियव्रत-चरित्र
प्रियव्रत की जीवन यात्रा, उनके तप, धर्म, और शासनकाल की कहानियाँ, जिसमें उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का उल्लेख है।
३. आग्नीध्र, नाभि एवं ऋषभ-चरित्र
आग्नीध्र, नाभि और ऋषभ की कहानियाँ, उनके जीवन, तपस्या और अद्वितीय कार्यों का विस्तृत विवरण, जो धर्म और सत्य की स्थापना के लिए किए गए थे।
४. ज्ञान की सात भूमिकाएँ
ज्ञान की सात भूमिकाओं का वर्णन, जिसमें ज्ञान की विभिन्न अवस्थाएँ और उनके महत्व का विवरण दिया गया है।
५. भरत-चरित्र
भरत की महान कथा, जिसमें उनके जीवन के प्रमुख घटनाक्रम, तपस्या और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों का उल्लेख है।
६. छः वस्तुओं में माया
माया के छः रूपों का वर्णन, जिसमें संसारिक वस्तुओं के प्रति माया और मोह की भावनाओं का विवरण है।
७. सूर्यनारायण की महिमा
सूर्यनारायण की महिमा और उनके प्रभाव का विस्तृत वर्णन, जिसमें उनकी पूजा और उनके महत्व का उल्लेख है।
८. भरतजी का मृग के मोह में फंसकर मृग-योनि में जन्म
भरतजी की कथा, जिसमें वे मृग के मोह में फंसकर मृग-योनि में जन्म लेते हैं और उसके बाद की घटनाओं का वर्णन है।
९. भरतजी का ब्राह्मणकुल में जड़भरत के रूप में जन्म
भरतजी का ब्राह्मणकुल में जड़भरत के रूप में पुनर्जन्म, और उनकी जीवन यात्रा का विस्तृत वर्णन।
१०. जड़भरत और राजा रहूगण
जड़भरत और राजा रहूगण की कथा, जिसमें उनके बीच हुए संवाद और उनसे प्राप्त ज्ञान का वर्णन है।
११. राजा रहूगण को भरतजी का उपदेश
राजा रहूगण को जड़भरत द्वारा दिए गए उपदेश, जिसमें जीवन और धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का विवरण है।
१२. भारतवर्षीय राजाओं, भारतवर्ष के उपास्य देवों, सप्त खण्ड पृथ्वी, ग्रहों की स्थिति, सप्त पाताललोकों एवं नरक लोकों का उल्लेख
भारतवर्ष के राजाओं, उपास्य देवताओं, सप्त खण्ड पृथ्वी, ग्रहों की स्थिति, सप्त पाताललोकों और नरक लोकों का विस्तृत विवरण।